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माता पिता Mother-Father||AllBestNews||

सुनि बोले प्रहलाद तब , मात पिता गुरु सोई | करै जो सम्मुख राम के , जह लग निज बल होई || यह सुनकर प्रहलाद बोले की माता पिता और गुरु वही है जो यथाशक्ति राम की भक्ति का ज्ञान दे/

Sunday, January 20, 2019

/ by All Best News
Mother Father
दोहा:   सुनि बोले प्रहलाद तब , मात पिता गुरु सोई |
           करै जो सम्मुख राम के , जह लग निज बल होई ||
यह सुनकर प्रहलाद बोले की माता पिता और गुरु वही है जो यथाशक्ति राम की भक्ति का ज्ञान दे/

दोहा:  अमृत बदले देई बिस , पारस बदले काँच |
           जानि बूझि तेहि लेई कोउ , कहौ सखौ सब साँच ||
हे मित्रो/सच कहो अमृत के बदले बिस और पारस मणि के बदले काँच यदि कोई दे तो क्या जान बूझ कर लेना चाहिए?
ह्रदय में बिचार कर देखो संसार में कितने प्रकार के शरीर धारी उत्पन्न होते है?
चार प्रकार के उन्पन्न होते है

1अण्डज: जो अण्डा ते होई
2पिडज: प्रकाट गर्भ ते शोई  
3स्वेदज: श्रम सीकर ते जानौ
4उभिदज: संग वारि कर मानौ
    
चौ०: नर तन पाय विसय रत देही | पलट सुधा सम सो विष लेही ||
अन्य सारे जीव नर मानव शरीर पाने के इच्छुक रहते है जो पा गया सो विषयों में झोके दे रहा है/
नर सामान नहीं कवनिव देही , जीव चरा चर जाचत तेही|
बड़े भाग्य ये नर तन तन पावा | सुर दुर्लभ सद ग्रन्थन गावा ||

नर तन को किस कार्य में गलाना चाहिए?

नर तन को प्रभु के कार्य में लगाना चाहिए परोप कार्य में लगाना चाहिए इसे माता पिता और गुरु की सेवा में लगाना चाहिए और बच्चो को सही मार्ग दिखाना चाहिए/
ग्रहस्त को अपनी कमई के धन को , विषयों में नहीं विकास पे खर्च करनी चाहिए/

वो भी विकास कैसा?

अपना रोजगार और बच्चो की पढाई पे और बचे तो सेवा भाव में भी लगाना चाहिए विषयो का धन वापस नहीं आता विकास का धन दूना दे कर जाता है/

पर ये होता कैसे है?क्युकी की हर कोई चाहता है की अपना विकास हो/

चौ०:  गुरु पित मातु स्वामी सिख पाले , चलेहुँ कुमग पग परहिं न खाले |
        ये अपने वस में कुछ नहीं है क्युकी(सबय नचावत राम गोसाई)
       (होई है सोई जो राम रचि रखा)मानव के वस एक मात्र कर्म ही दिया गया है/

कर्म वो भी कैसा?

प्रभु का ध्यान वो भी कब? ठंडक में 5 बजे , गर्मी में 4 बजे , बारिस में 4 या 5 के बीच कोई जरुरी नहीं कि स्नान हो तभी ध्यान हो , ध्यान तो आप धरती पे पैर रखने से पहले बिस्तर पे भी कर सकते है/वो आप का श्रेष्ठ ध्यान कहलाता है/उसमे आप को कई लाभ हो सकते है क्युकी भागम भाग के समय में सब कुछ ध्यान रख के चलना है/

जिसको ध्यान में आप रखोगे , आप को वो ध्यान में रखेगा/
आप प्रभु का ध्यान करेगे , प्रभु आप में ज्ञान भरेगे/  
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Writed By(Ram Shankar Yadav)

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