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Republic Day 2019: Facebook और WhatsApp पर Status या Messages नहीं,अच्छी बातो से दें रिपब्लिक डे की बधाई||AllBestNews||

Republic Day 2019 Shayari: इस बार रिपब्लिक डे की बधाई (Happy Republic Day) हर जगह से फॉरवर्ड हो रहे मैसेजेस से नहीं बल्कि यहां दी गई शायरी (Republic Day Shayari) को भेजकर मनाएं.

Friday, January 25, 2019

/ by All Best News
Republic Day 2019 Shayari: इस बार रिपब्लिक डे की बधाई (Happy Republic Day) हर जगह से फॉरवर्ड हो रहे मैसेजेस से नहीं बल्कि यहां दी गई शायरी (Republic Day Shayari) को भेजकर मनाएं.
Republic Day 2019 Shayari
नई दिल्ली: 
70वें गणतंत्र दिवस (70th Republic Day 2019) के मौके पर हर कोई व्हाट्सएप और फेसबुक मैसेज या स्टेटस (Republic Day Facebook & WhatsApp Messages or Status) के जरिए शुभकामनाए देगा. या फिर कुछ लोग मिलकर गणतंत्रदिवस (Republic Day) के 70साल पूरे होने का जश्न मनाएंगे. बच्चे स्कूल में अपने टीचरों के साथ झंडा फहराएंगे तो ऑफिसों में लोग तिरंगे (Flag of India) के रंग में रंग जाएंगे. तो कुछ घर में बैठकर दिल्ली के इंडिया गेट पर चल रही परेड को लाइव (India's Republic Day Parade) अपने टीवी पर देखेंगे. अगर आप भी इस गणतंत्र दिवस (Republic Day) को ऐसे ही मनाने का सोच रहे हैं तो इसे थोड़ा और मज़ेदार बनाइए. इस बार रिपब्लिक डे कीबधाई (Happy Republic Day) हर जगह से फॉरवर्ड हो रहे मैसेजेस से नहीं बल्कि यहां दी गई शायरी (Republic Day Shayari) को भेजकर मनाइए. 



ऐ वतन ऐ वतन ऐ हमारे वतन
फूल हम हैं तिरे तू हमारा चमन

सरफ़रोशान-ए-वतन आज वतन की ख़ातिर
एक गुलज़ार हो ता'मीर सर-ए-दार सही

'वज्द' किस का वतन कहाँ का वतन
वो जहाँ हैं वहीं वतन मेरा

ये हिन्दोस्ताँ है हमारा वतन
मोहब्बत की आँखों का तारा वतन

सुब्ह पे शैदा शाम पे आशिक़
अपने वतन के नाम पे आशिक़

शहादत की वतन की बात चलती है
मुझे तुम याद आते हो

ऐ दोस्त वतन से घात न कर
इस वक़्त ग़ज़ल की बात न कर

ये माना है जन्नत बहुत ख़ूबसूरत
मगर ख़ूबसूरत न होगी वतन से

चोट लगती है दिल पे ऐ हमदम
जब वतन का ख़याल करते हैं

वतन के लोग सताते थे जब वतन में थे
वतन की याद सताती है जब वतन में नहीं

ऐ वतन ऐ वतन ऐ हमारे वतन
फूल हम हैं तिरे तू हमारा चमन

कितने छूटे हम-वतनों से
लम्हा लम्हा उलझते रहे

जान जब तक न हो बदन से जुदा
कोई दुश्मन न हो वतन से जुदा

यही दुआ है वतन के शिकस्ता हालों की
यही उमंग जवानी के नौनिहालों की

ऐ जान से प्यारे हम-वतनो
अभी काम बहुत कुछ बाक़ी है

वतन से दूर मुसाफ़िर चले तो जाते हैं
वतन को लौट के आने में देर लगती है

इक हक़ीक़त है जब वतन की तलब
फिर मोहब्बत करें क़यासी क्यूँ

सियासत की बाज़ी वतन नोच लेगी
कफ़न उफ़ शहीदों के ढलते रहेंगे


ज़ख़्मी हुआ बदन तो वतन याद आ गया
अपनी गिरह में एक रिवायत लहू की थी


The National Anthem of India In Hindi


जन गण मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्यविधाता

पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा
द्राविड़ उत्कल बंगा

विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंगा
तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशीष मागे
गाहे तव जयगाथा

जन गण मंगलदायक जय हे
भारत भाग्यविधाता
जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे!


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